नफरत नहीं मुहब्बत की ख्वाहिश
हर जानिब हो तो दोस्ती की बारिश
अदावत न देती पूरसुकून जिन्दगी
जिस्म में जैसे पैदा होती है खारिश
दूर जाना वाकई कोई कमाल नहीं
गले मिलना जिन्दगी की नवाज़िश
क्या कमी आखिर इस कायनात में
मोहाज़िर की फकत यही गुज़ारिश
हर जानिब हो तो दोस्ती की बारिश
अदावत न देती पूरसुकून जिन्दगी
जिस्म में जैसे पैदा होती है खारिश
दूर जाना वाकई कोई कमाल नहीं
गले मिलना जिन्दगी की नवाज़िश
क्या कमी आखिर इस कायनात में
मोहाज़िर की फकत यही गुज़ारिश
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