मोदी सरकार 2.0 की शिक्षा
क्षेत्र में चन्द आवश्यक परिवर्तन करने की पहल निश्चय ही स्वागतयोग्य है. हालांकि
इस संबंध में मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2017 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत गठित विशेषज्ञों
की एक समिति ने प्राइमरी कक्षाओं से ही मातृभाषा की पढ़ाई का सुझाव दिया है. प्राइमरी
कक्षाओं से ही मातृभाषा की पढ़ाई एक अच्छा कदम है. इस पहल से फूट-बिखराव का
बीजारोपण न हो जाये- इसके लिए सतर्क रहना होगा. इसे पूरी तरह से राजनीति-मुक्त
होना होगा तभी यह कोई सकारात्मक परिणाम देगा. ऐसा इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि यह
विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण का सवाल है जो पूरी तरह निर्दोष होना चाहिए.
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