Saturday, January 22, 2022

बेहतर है फ़ासला


मीलों चले और चलना है अभी
बारहा जीना ओ मरना है अभी
मिलेंगे राह में कितने मोड़ तुम्हें
रख हौसला चल न रुकेंगे अभी
इसे मंज़िल नहीं समझ ऐ दिल
फ़ासले तय करने हैं और अभी
क़रीब आने से बेहतर है फ़ासला
यही सीखा है हमने अभी-अभी

No comments:

Post a Comment