Tuesday, April 30, 2019

याद आये बीते दिन....


याद आये बीते दिन तो रोये,
इक कसक सी उभरी तो रोये।
होश संभाला पाया अपनों को,
जब खो दिया उनको तो रोये।
ज़िन्दगी में मिला एक दोस्त,
जब मुंह फेरा उसने तो रोये।
अपना जहां भी बसाया तो मगर,
अपनों को देखा जब दूर तो रोये।
हर जतन तो किया अपनी ओर से,
जब कोई काम न आया तो रोये।
जीता रहा यूं ही ज़िन्दगी मोहाज़िर,
नहीं छंटा जीवन का अंधेरा तो रोये।

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