अगर मुल्क का एहतराम करते,
इस कदर नाम बदनाम न करते।
अम्नोमुहब्बत का पैगाम दिया है,
रहीम को भी इसने ही राम दिया है।
बांटने का ऐसा कोई काम न करते।...अगर मुल्क का
कब तलक चलेगी नफरत की आंधी,
ज़र्रे-ज़र्रे में समाये सुभाष और गांधी।
सही सोचने को किसी ने ज्ञान दिया है।...अगर मुल्क का
अगर मुल्क का एहतराम करते,
इस कदर नाम बदनाम न करते।
इस कदर नाम बदनाम न करते।
अम्नोमुहब्बत का पैगाम दिया है,
रहीम को भी इसने ही राम दिया है।
बांटने का ऐसा कोई काम न करते।...अगर मुल्क का
कब तलक चलेगी नफरत की आंधी,
ज़र्रे-ज़र्रे में समाये सुभाष और गांधी।
सही सोचने को किसी ने ज्ञान दिया है।...अगर मुल्क का
अगर मुल्क का एहतराम करते,
इस कदर नाम बदनाम न करते।
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